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Russia Exits Nuclear Treaty: दुनिया के लिए क्या खतरा है 2025?

Russia Exits Nuclear Treaty: दुनिया के लिए क्या खतरा है?

Russia अब एक अहम nuclear treaty से बाहर निकल चुका है। यह समझौता अमेरिका और रूस के बीच हुआ था ताकि परमाणु हथियारों को सीमित किया जा सके। अब जब यह संधि खत्म हो गई है, तो पूरी दुनिया के लिए खतरा बढ़ गया है।

Russia Exits Nuclear Treaty 2025 : INF Treaty क्या था?

Intermediate-Range Nuclear Forces (INF) Treaty 1987 में अमेरिका और सोवियत यूनियन के बीच साइन हुआ था। इसका मकसद था 500 से 5,500 किलोमीटर दूरी तक मार करने वाले ज़मीन से लॉन्च किए जाने वाले मिसाइल्स को खत्म करना।

इस संधि में सिर्फ़ ज़मीन से छोड़े जाने वाले हथियार शामिल थे। समुद्र से छोड़े जाने वाले मिसाइल्स इसमें नहीं आते थे। इसका मुख्य उद्देश्य यूरोप को परमाणु मिसाइलों से बचाना था।


रूस ने Treaty क्यों छोड़ी?

2019 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति Donald Trump ने इस treaty से बाहर निकलने का ऐलान किया था। लेकिन रूस तब भी इस संधि का पालन करता रहा।

हाल ही में, ट्रम्प ने दो परमाणु पनडुब्बियाँ रूस के पास भेजी। रूस को यह एक बड़ा खतरा लगा। दूसरी ओर, रूस के पूर्व राष्ट्रपति Dmitry Medvedev ने धमकी दी कि अगर अमेरिका ने रूस के नेताओं पर हमला किया तो रूस सीधे परमाणु हमला करेगा।

इस प्रतिक्रिया में रूस ने treaty को suspend कर दिया।


पनडुब्बियाँ कहाँ थीं?

सटीक जगह का पता नहीं चला है लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि ये पनडुब्बियाँ:

  • Barents Sea
  • Mediterranean Sea (Syria के पास)
  • Arctic Circle

में तैनात थीं।

इन अमेरिकी पनडुब्बियों में Tomahawk cruise missiles हैं जो किसी भी रूसी शहर को जल्दी से निशाना बना सकते हैं।


अब आगे क्या?

अब अमेरिका और रूस के बीच कोई भी nuclear arms control treaty एक्टिव नहीं है।

  • INF Treaty – सस्पेंड हो चुका है
  • New START Treaty – 2023 में रोक लग चुकी है
  • CTBT (Comprehensive Test Ban Treaty) – पूरी तरह लागू नहीं हुआ है

इसका मतलब है अब दोनों देश अनलिमिटेड न्यूक्लियर हथियार बना सकते हैं। यह एक नए nuclear arms race की शुरुआत हो सकती है।

रूस Kaliningrad (Poland और Lithuania के बीच) में मिसाइलें लगा सकता है, जबकि अमेरिका Poland, Romania, Japan, Guam जैसे देशों में जवाबी कार्रवाई कर सकता है। NATO भी अपने हथियार Eastern Europe में तैनात कर सकता है।

ज़रा सी ग़लती या गलतफहमी nuclear युद्ध की वजह बन सकती है।


बाकी देशों पर क्या असर पड़ेगा?

इस संघर्ष का असर सिर्फ अमेरिका और रूस तक सीमित नहीं है।

  • India, जो BRICS का हिस्सा है, “No First Use” नीति अपनाता है। लेकिन अगर तनाव और बढ़ा, तो भारत को अपनी policy पर फिर से विचार करना पड़ सकता है।
  • BRICS देशों (Brazil, Russia, India, China, South Africa) को रूस अपना समर्थक बता रहा है।
  • रूस का आरोप है कि अमेरिका दुनिया पर दबाव डाल रहा है, economic sanctions और trade tariffs का गलत इस्तेमाल कर रहा है।

निष्कर्ष

Russia का INF Treaty से बाहर आना पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर चेतावनी है।

बिना treaty के अब दुनिया पर nuclear युद्ध का खतरा और भी ज़्यादा बढ़ गया है। एक नई arms race शुरू हो सकती है, जो सभी देशों को खींच सकती है।

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