भारत ने उठाया Russia-US ट्रेड पर सवाल, ट्रंप रह गए हैरान
India vs USA 2025: Sharp Question on Russian Imports Introduction
एक अहम डिप्लोमैटिक पल तब सामने आया जब एक इंडियन जर्नलिस्ट ने अमेरिका के राष्ट्रपति Donald Trump से यह सवाल पूछ लिया कि जब अमेरिका खुद रशिया से यूरेनियम और दूसरी जरूरी चीज़ें आयात कर रहा है, तो फिर वो भारत को क्यों टारगेट कर रहा है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रम्प इस सवाल से साफ तौर पर असहज हो गए और बोले –
“I don’t know anything about it. We will have to check.”
ये जवाब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और भारत की तरफ से उठाए गए डबल स्टैंडर्ड के मुद्दे को दुनिया के सामने रख दिया।
The Viral Moment: India’s Tough Question
प्रेस कॉन्फ्रेंस में इंडियन रिपोर्टर ने ये सवाल किया कि अमेरिका खुद रशियन यूरेनियम, पोटाश, फर्टिलाइज़र, palladium और केमिकल्स का इम्पोर्ट कर रहा है, जबकि भारत को केवल ऑयल खरीदने पर टारगेट किया जा रहा है।
ट्रंप का जवाब, “पता नहीं, हमें चेक करना पड़ेगा”, कई लोगों को चौंकाने वाला लगा और इसने अमेरिका की नीति पर सवाल खड़े कर दिए।
US Criticism vs. India’s Response
पिछले एक साल में अमेरिका ने भारत की रूस से तेल खरीद पर कड़ा ऐतराज़ जताया है और यहां तक कि भारत पर 50% तक टैरिफ लगाने की धमकी दी है।
इसके जवाब में भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि रूस से आयात करना देश की आर्थिक मजबूरी है क्योंकि ग्लोबल सप्लाई डिसरप्ट हो चुकी है।
भारत ने ये भी बताया कि –
“जब अमेरिका खुद nuclear industry के लिए Russian uranium hexafluoride, EV industry के लिए palladium और chemical/fertilizer ले रहा है, तो भारत को टारगेट करना गलत और दोहरा रवैया है।”

US-Russia Trade Numbers: Behind the Scenes
- 2024 में अमेरिका ने Russia से $24.5 billion का माल इम्पोर्ट किया
- इसमें से $1.27 billion सिर्फ fertilizer था
- Uranium और palladium के इम्पोर्ट में 25% और 37% की बढ़ोतरी
यूरोपियन यूनियन का रूस के साथ व्यापार तो और भी ज्यादा था – €67.5 billion, जबकि वॉर अभी भी जारी है।
Strategic Impact on India–US Relations
यह मुद्दा अब एक बड़े डिप्लोमैटिक टर्निंग पॉइंट की ओर बढ़ रहा है:
- ट्रंप ने कहा कि वो 24 घंटे में भारत पर और टैरिफ लगा सकते हैं
- भारत ने इस पर नाराज़गी जताई है और कहा कि ये दोस्ताना रिश्तों के खिलाफ है
- एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर अमेरिका ने ऐसा किया, तो भारत–अमेरिका व्यापार और रक्षा सहयोग को बड़ा झटका लग सकता है
Conclusion
भारत के एक सीधे सवाल ने अमेरिका की अपनी पॉलिसी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह साफ हो गया है कि दोनों देश अभी भी “समान नियम” के सिद्धांत पर सहमत नहीं हैं।
जैसे-जैसे दुनिया इस डिप्लोमैटिक ड्रामे को देख रही है, भारत और अमेरिका को मिलकर ये सुनिश्चित करना होगा कि उनके रिश्ते इस तनाव को झेलकर और मजबूत बनें – ज्यादा पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ।