Why is India Facing Tariffs from the US?
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को “अच्छा ट्रेडिंग पार्टनर नहीं” बताया और भारतीय उत्पादों पर 25% तक के भारी टैरिफ लगा दिए हैं। भारत से रूस से तेल खरीदने जैसे फैसलों पर अमेरिका की नराज़गी भी इसका एक कारण है।
परिणाम: भारतीय निर्यात पर सीधा असर। खासकर टेक्सटाइल, जेम्स एंड ज्वेलरी, सीफ़ूड, मसाले, ऑटो पार्ट्स और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे सेक्टर में।
India export promotion mission – भारत को कितना नुकसान?
साल 2023-24 में भारत ने अमेरिका को करीब $78 बिलियन का निर्यात किया। इसमें से लगभग 35% ट्रेड हाई रिस्क जोन में है।
📌 टेक्सटाइल सेक्टर की बात करें, तो भारत के 40% कपड़े अमेरिका में एक्सपोर्ट होते हैं। ऐसे में यह सेक्टर बड़ा झटका झेल सकता है।
₹20,000 करोड़ का Export Promotion Mission: भारत का जवाब
भारत सरकार ने इस टैरिफ संकट से निपटने के लिए एक बहु-आयामी योजना बनाई है — जिसका कुल बजट ₹20,000 करोड़ है। यह योजना WTO नियमों के अनुसार डिज़ाइन की गई है।
🔹 दो चरणों में Mission का रोलआउट:
चरण | अवधि | मुख्य फोकस | फंडिंग |
---|---|---|---|
Phase 1 | 2025-26 | टेक्सटाइल, सीफ़ूड, मसाले जैसे हाई-रिस्क सेक्टर | ₹2,250 करोड़ |
Phase 2 | 2026-27 से 2030-31 | स्केल-अप, नए बाज़ारों की खोज | ₹20,000 करोड़ कुल |
Export Mission की मुख्य बातें
✅ 1. Credit और Loan Support
MSME निर्यातकों को सस्ता और आसान लोन, वैकल्पिक फाइनेंसिंग के रास्ते खुलेंगे।
✅ 2. बाज़ारों में Diversification
अब सिर्फ US पर निर्भर नहीं — भारत ASEAN, Middle East, Latin America, और Africa जैसे नए मार्केट्स में फोकस करेगा।
✅ 3. Quality & Regulation Help
WTO नियमों के तहत भारत direct subsidy नहीं दे सकता। इसलिए सरकार अब यह सहायता देगी:
- Certification, पैकेजिंग, सेफ्टी स्टैंडर्ड्स का खर्चा कम करना
- RoDTEP, PLI और Interest Equalisation जैसी योजनाएं
✅ 4. “Brand India” का प्रमोशन
- इंटरनेशनल ट्रेड फेयर, ग्लोबल सोशल मीडिया कैम्पेन
- विदेशों में भारतीय उत्पादों की ब्रांडिंग के लिए प्रमोटर्स और इन्फ्लुएंसर्स की मदद
✅ 5. Bharat Trade Net Portal
एक unified पोर्टल जहां निर्यात से जुड़े डॉक्यूमेंटेशन, इंसेंटिव्स और फाइनेंसिंग एक ही जगह मिलेंगी।
India export promotion mission – कूटनीति भी साथ-साथ
भारत सिर्फ योजना नहीं बना रहा — US से बातचीत भी जारी है, खासकर टेक्सटाइल, मसाले और ऑटो पार्ट्स पर टैरिफ कम करवाने को लेकर।
साथ ही, भारत के दूतावासों को एक्टिव किया जा रहा है ताकि नए व्यापारिक मौके खोजे जा सकें।
निष्कर्ष: आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम
यह योजना सिर्फ एक रिएक्शन नहीं, बल्कि एक स्ट्रैटेजिक कदम है:
- Immediate Export Shock से बचाव
- Long-Term Market Diversification
- MSMEs को ताकत देना
- Indian Products की Global Visibility बढ़ाना
भारत का संदेश साफ है — अगर कोई रास्ता बंद हो रहा है, तो हम नया रास्ता बनाएंगे।