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India Passport Ranking Improves: क्या भारत चीन को पछाड़ सकता है?

India Passport Ranking 2025 Improves: क्या भारत चीन को पछाड़ सकता है?

India Passport Ranking 2025 में कितना सुधरा?

2025 में Henley Passport Index के मुताबिक, भारत का पासपोर्ट रैंक 77th पर पहुंच गया है, जो पिछले साल 85th था। यह एक पॉजिटिव संकेत है कि भारतीय पासपोर्ट की वैल्यू इंटरनेशनल लेवल पर धीरे-धीरे बढ़ रही है।

वहीं, चीन का पासपोर्ट 60th रैंक पर है। हालांकि दोनों पासपोर्ट्स अभी भी स्ट्रॉन्ग पासपोर्ट्स की कैटेगरी में नहीं आते, फिर भी भारत ने इस साल अच्छा सुधार किया है।

ऐसे देश जिनके नागरिक बिना वीजा या Visa-on-Arrival के कई देशों में जा सकते हैं, उनके पासपोर्ट को सबसे स्ट्रॉन्ग माना जाता है।

  • Singapore का पासपोर्ट दुनिया का सबसे मजबूत पासपोर्ट है — 193 देशों में visa-free एंट्री मिलती है।
  • Japan, USA, Germany, और Israel जैसे देशों के पासपोर्ट भी टॉप लिस्ट में हैं।

इसके मुकाबले भारतीय और चीनी नागरिकों को वीजा प्रोसेस से गुजरना पड़ता है, जो लंबा और महंगा हो सकता है।

Visa Rejection से हो रहा भारी नुकसान

2024 में भारतियों ने लगभग ₹136 करोड़ का नुकसान उठाया सिर्फ वीजा रिजेक्शन के कारण।

  • 1.5 लाख वीजा एप्लिकेशन रिजेक्ट हुए
  • अधिकतर यूरोप ट्रैवल के लिए थे
  • होटल और फ्लाइट पहले बुक कर ली जाती है, वीजा रिजेक्ट होने पर रिफंड नहीं मिलता

एक बिज़नेसमैन का यूरोप ट्रिप सिर्फ इस वजह से कैंसिल हो गया क्योंकि टूरिस्ट वीजा रिजेक्ट हो गया, जबकि सभी डॉक्युमेंट्स तैयार थे।

किन देशों में Indian Passport पर जा सकते हैं बिना वीजा?

कुछ देश जहां भारतीय पासपोर्ट से visa-free या visa-on-arrival एंट्री मिलती है:

  • Kazakhstan
  • Mongolia
  • Jordan
  • Iran
  • Bolivia (Visa on Arrival)
  • ASEAN देशों में कुछ देशों में visa-free एंट्री

भारत की Passport Ranking का इतिहास

सालरैंकिंग
200671
201476
202090 (COVID के कारण गिरावट)
202577 (सुधार जारी है)

भारत ने COVID के बाद से अपनी Passport Ranking में सुधार दिखाया है। अब लक्ष्य है 71 की पुरानी बेस्ट रैंकिंग को पार करना।

कैसे सुधरेगा भारतीय पासपोर्ट?

1. Civic Sense

अगर भारतीय नागरिक इंटरनेशनल ट्रैवल के दौरान नियमों का पालन करें, तो भारत की छवि बेहतर होगी। कई देश अनप्रोफेशनल बिहेवियर को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करते।

2. Foreign Diplomacy

भारत को डिप्लोमैटिक रिलेशनशिप्स को और मज़बूत करना होगा, ताकि ज्यादा देशों से visa-free एंट्री मिल सके।

कुछ अफ्रीकन देशों की रैंकिंग भारत से बेहतर है, जबकि उनकी इकॉनमी भारत से कमज़ोर है — यह दिखाता है कि फॉरेन पॉलिसी कितना फर्क डाल सकती है।

3. Western देशों से बेहतर रिश्ते

भारत के अमेरिका, यूरोप और UK जैसे देशों से रिश्ते अब बेहतर हो रहे हैं। इससे उम्मीद है कि आने वाले सालों में Indian Passport चीन से भी ऊपर रैंक करेगा।


Conclusion:


भारत का पासपोर्ट पहले से बेहतर हो रहा है, लेकिन टॉप 30 तक पहुंचने के लिए अभी लंबा रास्ता है। अगर सही फॉरेन पॉलिसी, इंटरनल डिसिप्लिन और डिप्लोमैसी पर फोकस किया गया, तो वह दिन दूर नहीं जब भारत का पासपोर्ट दुनिया के सबसे स्ट्रॉन्ग पासपोर्ट्स में गिना जाएगा।


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