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India vs China Missile Race: भारत की Hypersonic Missile ने बढ़ाई चीन की चिंता

India vs China Missile Race: भारत की मिसाइल टेक्नोलॉजी में ऐतिहासिक छलांग

भारत ने हाल ही में अपनी सबसे एडवांस हाइपरसोनिक मिसाइल (Hypersonic Missile) टेस्ट की है, जिसे लेकर अमेरिकी मीडिया भी चर्चा कर रहा है। The Mirror US की रिपोर्ट के अनुसार, भारत अब मिसाइल टेक्नोलॉजी में चीन को टक्कर दे रहा है। यह मिसाइल Project Vishnu का हिस्सा है और ब्रह्मोस से भी तेज़ है।

Hypersonic Missile क्या होती है?

हाइपरसोनिक मिसाइल वो होती है जो ध्वनि की गति (speed of sound) से कम से कम 5 गुना तेज़ चलती है। भारत की LDHCM मिसाइल तो Mach 8 (8 गुना तेज़) की रफ्तार से चलती है, जो इसे रोकना लगभग नामुमकिन बना देता है।

India की Key Missiles

1. LDHCM (Long Duration Hypersonic Cruise Missile)

  • रेंज: 1500 किलोमीटर
  • स्पीड: Mach 8
  • Nuclear और Conventional दोनों प्रकार के वारहेड ले जा सकती है
  • Flight में दिशा बदल सकती है — इसे इंटरसेप्ट करना मुश्किल है

2. Prithvi-2 और Agni-1

  • दोनों न्यूक्लियर कैपेबल मिसाइलें हैं
  • भारत की स्ट्रैटजिक डिफेंस का अहम हिस्सा

3. Akash Prime

  • Air Defense System
  • खासकर China बॉर्डर के लिए डिज़ाइन किया गया है

क्यों मायने रखती है मिसाइल टेक्नोलॉजी?

मिलिट्री की तीनों शाखाओं – थलसेना, वायुसेना और नौसेना – में बैलेंस ज़रूरी है। भले ही चीन की एयरफोर्स मजबूत हो, लेकिन भारत की मिसाइलें बैलेंस ला सकती हैं। अगर युद्ध हुआ, तो भारत की मिसाइलें चीन के अहम इंफ्रास्ट्रक्चर को निशाना बना सकती हैं। यही कारण है कि चीन भारत की मिसाइल टेक्नोलॉजी से डरता है।

US की दिलचस्पी क्यों?

अमेरिका और उसके सहयोगी जैसे ऑस्ट्रेलिया, जापान और साउथ कोरिया, चीन के खिलाफ मिलिट्री ड्रिल्स कर रहे हैं। भारत इनमें शामिल नहीं होता, क्योंकि वह अपनी नॉन-अलाइंड फॉरेन पॉलिसी पर चलता है। लेकिन अमेरिका जानता है कि भारत हमेशा चीन के बॉर्डर को लेकर रणनीतिक फैक्टर रहेगा।

क्या तिब्बत भारत का अगला मकसद हो सकता है?

अगर चीन कमजोर पड़ता है, तो भारत तिब्बत पर रणनीतिक पहल कर सकता है। यही वजह है कि अमेरिका भारत की मिसाइल प्रगति को सराह रहा है, भले ही टैक्स या ट्रेड पर सख्त रवैया अपनाता हो।

क्या भारत अमेरिका के लिए खतरा बन सकता है?

अभी नहीं। लेकिन अगर भारत की मिसाइलें अमेरिकी बेस तक पहुंचने लगती हैं, तब समीकरण बदल सकते हैं। फिलहाल अमेरिका भारत की ग्रोथ को पॉजिटिव नज़र से देख रहा है।

India vs China Missile Race – निष्कर्ष अब भारत पीछे नहीं

भारत अब मिसाइल टेक्नोलॉजी में सिर्फ डिफेंस नहीं, डिटरेंस (भय उत्पन्न करने वाली ताकत) बन रहा है। Project Vishnu और LDHCM जैसे सिस्टम भारत को चीन के बराबर – और कई मामलों में बेहतर – बना रहे हैं।

Missile Tech में भारत का नया अध्याय शुरू हो चुका है।

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